बनारस लिट् फेस्ट : काशी साहित्य-कला उत्सव

“पानी बचाने के लिए मैं अलग-अलग धर्म और मज़हब के लोगों से मिलकर उनके ईश्वर और पैग़म्बर की मिसालें देता। फिर एक दिन सोचा उस जगह पे चला जाए जहाँ हर मज़हब के लोग आते हैं। उस जगह का नाम है मयख़ाना। उनको अपना पोस्टर दिखाया जिसपे लिखा था Save Water… Drink Neat” प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आबिद सुरती की यह बात सुनकर बनारस के अस्सी स्थित पप्पू की चाय की दुकान पे ठहाके लगने लगे।”